वहां रीना की chudai अपने चरम पर है। और मैं उसे अपना पेशाब मुझे पिलाने को कहता हूँ। वो चौंक जाती है। इस Hindi Sex Sexy Story का सबसे अजीब और कामुक भाग आपके सामने है। पढो और बताओ कैसा लगा–
Hindi Sex Story के अन्य भाग-
पार्ट 1
पार्ट 2
पार्ट 3
तब रीना बोली, “अरे मुझे पेशाब लगी है और मुझे टॉयलेट में जा कर पेशाब करना है। समझा मेरे चोदू जानू?”
मैं रीना की चूचियों कि जोर से दबाते हुए बोला, “तो ऐसे बोलो ना कि तुम्हें टॉयलेट जा कर अपनी चूत से सीटी बजानी है। मुझे चूत की सीटी सुनना बहुत अच्छा लगता है। चलो आज मैं तेरे सामने बैठ कर तेरी चूत की सीटी सुनुँगा।”
रीना मेरी बातों को सुन कर खिलखिला कर हँस दी और बोली, “धत! ऐसा भी कहीं होता है? मुझे तेरे सामने बैठ कर पेशाब करने में शरम आयेगी और फिर तू मेरे सामने बैठेगा तो मुझे पेशाब ही नहीं होगी। तुझे मेरी चूत की सीटी सुननी है तो टॉयलेट के बाहर खड़े हो कर सुन।”
मैं तब ज़िद करते हुए बोला, “क्यों नहीं हो सकता है? तू जब शाम से अब-तक मेरे सामने नंगी लेट कर अपनी चूत मेरे लंड से चुदवा सकती है और अब तुझे मेरे सामने बैठ कर अपनी नंगी चूत से पेशाब करने में शरम आयेगी? तू मेरे सामने बैठ कर पेशाब क्यों नहीं कर सकती? नहीं आज तो मैं तेरे सामने बैठ कर तेरी चूत से पेशाब निकलते देखना चाहता हूँ।”
मेरी बातों को सुन कर रीना बोली, “तू बेहद ज़िद्दी है । चल आज मैं तुझे अपनी चूत से पेशाब निकलते हुए दिखलाती हूँ और साथ-साथ अपनी चूत से निकलता हुआ पेशाब पिलाती भी हूँ। चल मेरे साथ टॉयलेट चल।”
इतना कह कर रीना पलँग से उठ कर नीचे खड़ी हो गयी और नंगी ही टॉयलेट की तरफ चलने लगी। उसका नशा अभी भी बरकरार था क्योंकि रीना की चाल में अभी भी थोड़ी लड़खड़ाहट थी पर उसके हाई हील्स सैंडलों में उसकी नशीली चाल बहुत मस्त लग रही थी। मैं भी रीना के गोल-गोल चूत्तड़ों पर हाथ फेरते हुए रीना के पीछे-पीछे टॉयलेट चला गया। टॉयलेट में पहुँच कर पहले रीना ने अपना चेहरा धोया और एक तौलिया भीगो कर अपने पूरे जिस्म को पोंछा। फिर वोह मेरी तरफ़ देखकर बोली, “हाँ अब बोल क्या तुझे मेरी चूत की सीटी सुननी है और क्या तुझे मेरी चूत से पेशाब निकलते हुए देखना है?”
मैंने जब हाँ किया तो रीना बोली, “चल टॉयलेट के फ़र्श पर लेट जा।”
मैं चुपचाप टॉयलेट के फ़र्श पर लेटा गया। तब रीना मेरे मुँह के पास अपनी चूत रख कर मेरे सीने के ऊपर अपनी चूत्तड़ रख कर बैठ गयी। बैठने के बाद रीना ने एक बार झुक कर मुझे चूमा और फिर मेरा सर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी चूत से पेशाब की धार छोड़ दी। रीना की चूत से निकलती धार ठीक मेरे मुँह पर गिर रही थी और रीना ने मेरे सर को पकड़ रखा था। इसलिए मैं अपना मुँह खोल कर रीना की चूत से निकलते पेशाब की धार को पीने लगा। तीन-चार मिनट तक पेशाब की धार लगातार चल रही थी और फिर रुक-रुक कर मेरे मुँह पर गिरने लगी। मैं समझ गया कि रीना की पेशाब की थैली खाली हो गयी है। तब मैंने अपना हाथ उठा कर रीना की दोनों चूचियों को पकड़ कर मसलने लगा।
पेशाब खतम होते ही रीना मुझसे बोली, “कैसा लगा मेरी चूत से निकलती पेशाब की धार पीके? मज़ा आया कि नहीं?”
मैं तब रीना से बोला, “यार मज़ा आ गया। मैंने तो कहीं एक किताब में पड़ा था कि हसीन औरतों के पेशाब का टेस्ट भी बहुत अच्छा होता है। आज तूने अपना पेशाब पिला कर वो बात साबित कर दी। सही में तेरी इतनी सुंदर चूत से निकलती पेशाब की धार देख कर आज मैं धन्य हो गया।”
मैंने रीना से पूछा, “अब क्या प्रोग्राम है?”
तब रीना बोली, “अरे अभी तो रात काफी बाकी है और इसका पूरा का पूरा फायदा मुझे उठाना है।”
“ठीक है” मैं बोला।
तब रीना मेरे ऊपर से उठ कर खड़ी हो गई और बोली, “क्या तुझे पेशाब नहीं करना? चल अभी तू भी पेशाब करले फिर हमलोग फिर से पलंग पर चलते हैं।”
मैं तब उठ कर अपना लंड अपने हाथ से पकड़ कर पेशाब करने की तैयारी करने लगा। तब रीना आगे बड़ कर मेरे लंड को पकड़ कर बोली, “अरे मैं हूँ ना? तू खुद क्योंपकड़ता है अपना लंड। ला मुझे पकड़ने दे तेरा लंड।”
इतना कह कर रीना ने मेरे लंड को पकड़ लिया और बोली, “चल मेरे जानू, अब मुझे भी दिखला तेरे लंड से निकलते पेशाब की धार को।”
मैं तब रीना की चूचियों को पकड़ कर पेशाब करने लगा। मुझे पेशाब करते हुए अभी सिर्फ़ दस-पंद्रह सेकँड ही हुए थे कि रीना ने झुक कर मेरा लंड जिसमे से अभी भी पेशाब निकल रहा था, अपने मुँह में भर लिया और मेरी तरफ़ देख कर मुझे आँख मार दी। रीना मेरे लंड को अपने मुँह में भर कर मेरे पेशाब को गटागट पीने लगी और जब मेरा पेशाब निकलना बँद हो गया तो उसने मेरे लंड को मुँह से निकाल कर जीभ से अपने होठों को साफ़ किया और बोली, “मज़ा आ गया। यह तो स्कॉच से भी ज्यादा अच्छा था। मुझे कईं दिनों से अरमान थी कि मैं किसी जवान मर्द के तगड़े लंड से निकलता हुआ पेशाब पीयूँ और आज मेरी ख्वाहिश पूरी हुई। थैंक्स।”
मैंने तब आगे बड़ कर रीना को चूम लिया और हम लोग वापस कमरे में आ कर पलंग पर बैठ गये। रीना झट से लेट गयी और मेरे सीने में अपना एक हाथ फेरती रही। थोड़ी देर के बाद मैं रीना से बोला, “यार तू बहुत ही सैक्सी चीज है। मुझे तो लगता है कि तूने अब तक बहुत से लंड अपनी चूत को खिलाये होंगे। बोल ना कितने लंड खाये अब तक?”
रीना मेरी तरफ़ देख मुस्कुरा दी और बोली, “मुझे तो अब याद भी नहीं कि मैं अब तक कितने लंड खा चुकी हूँ अपनी चूत में। छोड़ यह सब बातें और चल हम लोग फिर से शूरू करें अपनी चुदाई की दास्तान।”
मैं तब अपने एक हाथ से रीना की चूत्तड़ों को सहलाता हुआ बोला, “यार मेरी जान, तू उस समय इतना बिदक गयी जिसकी कोई इन्तहा नहीं। मुझे तो ऐसा लगा कि सचमुच मुझे अपने ऊपर से हटा कर तू मुझे अपने कमरे में भेज देगी।”
रीना तब बोली, “और क्या मुझे बहुत गुस्सा आ गया था। साले तू बात ही ऐसी कर रहा था। जब औरतों को मरवाने के लिए भगवान ने चूत दी है तो गाँड क्यों मरवायी जाये? अच्छा अब बहुत हो गया है और थोड़ी देर के बाद सुबह भी हो जायेगी। ला अपना लंड मेरे मुँह के पास कर दे, मुझे तेरे लंड का रस चूस-चूस कर पीना है।”
“अभी लो रीना रानी, और मुझे एक बर फिर से तुम्हारी चूत को चाट-चाट कर उसका रस पीना है” मैं रीना के मुँह के पास अपना लंड रख कर बोला।
रीना ने मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ कर अपने मुँह में भर लिया और मैंने भी रीना की चूत से अपना मुँह लगा दिया। मैं रीना की चूत अपनी उँगलियों से खोल कर जितना हो सकता था अपनी जीभ अंदर डाल कर उसके रस को चाट-चाट करपीने लगा और रीना भी मेरे लंड को पकड़ कर चूसने चाटने लगी। मैं रीना की चूत चाटते हुए कभी-कभी उसकी गाँड में अपने उँगली फेर रहा था और जब-जब मैं गाँड में उँगली फेर रहा था तब-तब रीना अपनी गाँड को भींच रही थी। थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा और फिर रीना मेरे लंड को अपने मुँह से निकाल कर बोली, “क्यों मेरी गाँड के पीछे पड़ा है, गाँडू? तुझे चूत चाहिए थी और तुझे चूत मिली। अब मेरी गाँड पर से अपनी नज़र हटा ले और चल अब मुझे चोद। मैं अब फिर से अपनी चूत में तेरा मोटा लंड खाने के लिए तैयार हूँ।”
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