हेल्लो दोस्तों, हाज़िर है इन desi tales का दूसरा धमाकेदार भाग। मेरे देवर का मोटा लंड अपनी भाभी की चूत की गहराई में उतरा जा रहा था। अब पढ़िए आगे-
Hindi Sex Story के अन्य भाग
पार्ट 1
पार्ट 2
पार्ट 3
मेरे सारे बदन में गुदगुदी सी होने लगी और जोश में आ कर मैं सिसकारियाँ भरने लगी। थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से टाइटहो गया। तभी उसने एक धक्का लगा दिया। दर्द के मारे मेरे मुँह से चीख निकल गयी। उसके लंड का सुपाड़ा मेरी चूत में घुस गया था। मुझे लग रहा था कि किसी ने एक लोहे की रॉड मेरी चूत में घुसेड़ दी हो। लेकिन मैंने जतिन को बिल्कुल भी मना नहीं किया क्योंकि मैं पूरे जोश में आ चुकी थी और जतिन का पूरा लंड अपनी चूत के अंदर लेना चाहती थी। तभी उसने एक जोर का धक्का और लगा दिया। दर्द के मारे मेरे मुँह से जोर की चीख निकली और मेरी आँखों में आँसू आ गये। लग रहा था कि जैसे कोई गरम लोहा मेरी चूत को चीरते हुए अंदर घुस गया हो।
मैंने कहा, “बाहर निकाल लो अपना लंड, बहुत दर्द हो रहा है!”
उसने कहा, “थोड़ा बर्दाश्त करो, फिर खूब मज़ा आयेगा!”
उसका लंड मेरी चूत में तीन इंच तक घुस चुका था। तभी उसने एक धक्का और लगाया। मैं दर्द से तड़प उठी। लग रहा था कि कोई मेरी चूत को बुरी तरह से फैला रहा है। मेरी चूत हद से काफ़ी ज्यादा फैल चुकी थी। उसका लंड चार इंच तक मेरी चूत में घुस चुका था।
मैंने कहा, “जतिन! अब रहने दो, बहुत दर्द हो रहा है। तुम इतना लंड ही डाल कर मुझे चोद दो। बाकी का लंड बाद में घुसा देना!”
वो बोला, “बाद में क्यों! क्या आप मेरा पूरा लंड अपनी चूत में नहीं लेना चाहती?”
मैंने कहा, “लेना तो चाहती हूँ।”
वो बोला, “तो फिर पूरा अंदर लो!”
इतना कहने के बाद उसने पूरी ताकत से एक जोर का धक्का और मारा। दर्द के मारे मैं तड़प उठी और मेरी आँखों के सामने अन्धेरा छाने लगा। उसका लंड मेरी चूत में पाँच इंच तक घुस गया था।मैं रोने लगी।
वो बोला, “रो क्यों रो रही हो?”
मैंने कहा, “बहुत दर्द हो रहा है। मुझसे ये दर्द बर्दाश्त नही हो रहा है। मेरी चूत फट जायेगी!”
तभी कॉल-बेल बजी। हम दोनों घबरा गये। जतिन बोला, “पता नहीं कौन आ गया इस समय!”
मैंने कहा, “अब आज रहने दो और जा कर देखो कि कौन आया है!”
वो बोला, “जाता हूँ, पहले मैं पूरा लंड तो घुसा दूँ!”
मैंने कहा, “बाद में कर लेना!”
वो बोला, “नहीं! मैं अभी घुसाऊँगा। आप अपने होंठों को जोर से जकड़ लो जिस से आपके मुँह से चीख न निकले!”
मैंने अपने होंठों को जोर से जकड़ लिया। उसने मेरी कमर को पकड़ कर बेहद जोर का धक्का लगा दिया। मैं मछली की तरह तड़पने लगी। मुझे लग रहा था कि मेरी चूत फट जायेगी, मेरे मुँह से चीख निकलने ही वाली थी कि जतिन ने अपने हाथ से मेरा मुँह दबा दिया। उसके बाद उसने पूरी ताकत के साथ दो धक्के और लगा दिये। मेरे मुँह से सिर्फ गूँ-गूँ की आवाज़ ही निकाल पायी और उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में दाखिल हो गया। मैं दर्द के मारे तड़प रही थी और मेरा सारा जिस्म पसीने से नहा गया था। मेरे पैर थरथर कांप रहे थे। मेरा दिल बहुत तेजी के साथ धड़कने लगा था और मेरी साँसें बहुत तेज चलने लगी थी। लग रहा था कि मेरा दिल अभी मेरे मुँह के रास्ते बाहर आ जायेगा। जरा सा रुकने के बाद जतिन ने एक झटके से अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया। मुझे लगा कि मेरी चूत भी उसके लंड के साथ ही बाहर आ जायेगी। ‘पक’ की आवाज़ के साथ उसका लंड मेरी चूत से बाहर आ गया।
उसने मुझे अपना लंड दिखाते हुए कहा, “देखो भाभी, आपकी चूत की निशानी मेरे लंड पर लगी हुई है!”
मैंने देखा कि उसका लंड आखिर तक मेरी चूत रस से सना हुआ था। तभी उसने अपने लंड के सुपाड़े को फिर से मेरी चूत के मुँह पर रखा और पूरी ताकत के साथ जोर का धक्का लगाते हुए अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसाने की कोशिश की। लेकिन एक धक्के में वो अपना पूरा लंड मेरी चूत में नहीं घुसा पाया। उसने दो धक्के और लगाये तब कहीं जा कर उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस पाया। मैं दर्द से तड़पते हुए चीखने लगी लेकिन जतिन कुछ सुन ही नहीं रहा था। पूरा लंड घुसा देने के बाद उसने फिर से एक ही झटके में अपना लंड बाहर निकाल लिया। तभी फिर से कॉल-बेल बजी।
मैंने कहा, “पहले जा कर देखो तो सही कि कौन है!”
वो बोला, “अभी जाता हूँ!”
उसने फिर से दो धक्के लगाये और अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया। पूरा लंड मेरी चूत में घुसाने के बाद उसने एक ही झटके से अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया। ऐसा उसने तीन-चार बार किया। उसके बाद वो हट गया। मैं उठना चाहती थी लेकिन दर्द के मारे मैं उठ नहीं पा रही थी। मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा था। मैं सोचने लगी कि अभी तो उसने सिर्फ अपना पूरा लंड ही मेरी चूत में घुसाया है। जब वो अपना पूरा लंड घुसाते हुए मेरी चुदाई करेगा तब मेरा क्या हाल होगा। मैं तो मर ही जाऊँगी। जतिन ने लुंगी पहन ली और कहा, “आप बाथरूम में चली जाओ। मैं देखता हूँ कौन आया है!”
मैंने कहा, “दर्द के मारे मेरा तो बुरा हाल है। मैं उठ ही नहीं पा रही हूँ और तुम कह रहे हो कि बाथरूम में चली जाओ!”
वो बोला, “फिर आप चादर ओढ़ कर लेटी रहो। मैं जा कर देखता हूँ कि कौन आया है!”
मैंने चादर ओढ़ ली। जतिन दरवाज़ा खोलने चला गया थोड़ी ही देर में जतिन एक औरत के साथ मेरे पास आया। वो औरत करीब पैंतीस साल की दिख रही थी और बेहद खूबसुरत थी। उस औरत ने बेहद सलीके से मेक-अप किया हुआ था और सलवार कमीज़ और साथ ही हाई हील के सैंडल पहने हुए थी।
मैंने पूछा, “कौन है ये?”
जतिन ने कहा, “भाभी… ये समरीन हैं। हमारे पड़ोस में रहती हैं। इन्हें मेरा लंड बहुत पसन्द है। ये मुझसे चुदवाने आयी है।”
समरीन ने जतिन से पूछा, “ये तो तुम्हारी भाभी है ना?”
जतिन ने कहा, “हाँ! ये मेरी भाभी जोया हैं!”
समरीन को पता चला कि मैं उसकी हम-मज़हब हूँ तो काफी खुश हुई। वो बोली, “सलाम अलैकुम! तुम ये चादर ओढ़ कर क्यों लेटी हुई हो । तबियत तो ठीक है तुम्हारी?”
जतिन बोला, “मैं इनकी तबियत ही ठीक कर रहा था कि तुम आ गयी। मैंने भाभी से बाथरूम में चले जाने को कहा लेकिन ये खड़ी ही नहीं हो पा रही थी। इसलिये इन्होंने चादर ओढ़ ली है!”
इतना कह कर जतिन ने मेरे उपर से चादर हटा दी। समरीन मेरी हालत देख कर हँसने लगी। जतिन ने कहा, “हँस क्यों रही हो। आपकी हालत तो इससे भी ज्यादा खराब हो गयी थी!”
वो बोली, “क्या तुमने अपनी भाभी को आज पहली बार चोदा है!”
जतिन ने कहा, “अभी चोदा कहाँ है। अभी तो मैंने सिर्फ अपना पूरा लंड ही इनकी चूत में घुसाया था कि आप आ गयी!”
मैंने कहा, “कब से चोद रहे हो इन्हें!”
जतिन बोला, “लगभग दो साल से!”
मैंने पूछा, “इन्हें तेरा लंड अपनी चूत में लेने में तक्लीफ़ नहीं होती। तुमने तो अभी मेरी चूत में सिर्फ अपना लंड घुसाया है और मेरी हालत एक दम खराब हो गयी है!”
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