मेरे प्यारे ठरकी दोस्तों, मैं अपनी ज़िंदगी की कहानी सुनाने जा रही हूँ। इस Hindi Sex kahani में मेरा पति है पर उसका लंड बहुत ही छोटा है, मैं तृप्त नही हो पाती थी। पर मेरी किस्मत अच्छी थी की मेरे देवर के साथ ऐसा नहीं था। जानिए कैसे एक परिवार ने एक दुसरे को ‘खुश’ रखा।
Hindi Sex Story के अन्य भाग
पार्ट 1
पार्ट 2
पार्ट 3
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मेरे घर वाले हमारे रिश्ते के खिलाफ थे क्योंकि अमित हिन्दू थे और मैं मुसलमान| फिर घरवालों की रज़ामंदी के बगैर ही दो महीने के बाद हम दोनों ने कोर्ट में शादी कर ली।
अमित का एक छोटा भाई भी था, जतिन। वो अमित से सात साल छोटा था और उसकी उम्र बीस साल की थी और मेरी उम्र छब्बीस साल की थी। अमित जतिन को बेहद मानते थे। जतिन अमित से ज्यादा हैंडसम था और ताकतवर भी। वो बेहद शरारती भी था। हम दोनों एक दूसरे से खूब हंसी मज़ाक करते थे। मुझे उसका हंसी मज़ाक करना बेहद अच्छा लगता था। अमित भी हम दोनों को देख कर बेहद खुश रहते थे। शादी के बाद अमित ने मुझसे नौकरी छोड़ देने को कहा तो मैंने नौकरी छोड़ दी। अब मैं घर पर ही रहने लगी। जतिन बी-ए फाइनल में पढ़ रहा था।
अमित से शादी हो जाने के बाद मैं उनके घर आ गयी। अमित ने शादी के वक्त पंद्रह दिनों की छुट्टी ले ली थी और घर पर ही रहते थे। सुहागरात के दिन जब मैंने अमित का लंड देखा तो मेरे सारे ख्वाब टूट कर बिखर गये। उनका लंड महज़ तीन इंच लम्बा और बेहद पतला था। उन्होंने जब पहली-पहली दफा अपना लंड मेरी चूत में घुसाया तो मेरे मुँह से सिर्फ एक हल्की सी सिसकारी भर निकली और उनका पूरा का पूरा लंड एक ही धक्के में मेरी चूत के अंदर समा गया। उन्होंनें बड़ी मुश्किल से पाँच मिनट ही मुझे चोदा और झड़ गये। मैं उदास रहने लगी। लेकिन इससे मेरी मोहब्बत में ज़रा भी कमी नहीं आयी और मैं उनसे दिल-ओ-जान से मोहब्बत करती थी।
पंद्रह दिनों के बाद जब वो ऑफिस जाने लगे तो उन्होंने मुझसे कहा, “जतिन की बहुत देर तक सोने की आदत है। उसको जगा देना और कॉलेज भेज देना!”
मैंने कहा, “ठीक है!” अमित चले गये।
उनके जाने के बाद मैं जतिन को जगाने उसके रूम में गयी। मैंने जतिन को जगाया तो वो उठ गया। मैंने जतिन से कहा, “जब तुम्हारे भैया की शादी नहीं हुई थी तब तुम्हे कौन जगाता था?”
वो बोला, “भैया जगाते थे!”
जतिन फ़्रेश होने चला गया और मैं उसके लिये नाश्ता बनाने चली गयी। नाश्ता करने के बाद जतिन कॉलेज चला गया। अमित नौ बजे ऑफिस चले जाते थे और जतिन दस बजे कॉलेज चला जाता था। जतिन कॉलेज से तीन बजे वापस आ जाता था जब कि अमित रात के सात बजे तक वापस आते थे। अगले दिन अमित के ऑफिस चले जाने के बाद मैं जतिन को जगाने गयी। जैसे ही मैं जतिन के रूम में पहुँची तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयीं। जतिन गहरी नींद में सो रहा था और खर्राटे भर रहा था। उसकी लुंगी खुल कर बेड के किनारे पड़ी हुई थी और उसका लंड खड़ा था। उसका लंड आठ इंच लम्बा और बेहद मोटा था। मैं सोचने लगी कि बड़े भाई का लंड तीन इंच लम्बा है आ छोटे भाई का आठ इंच लम्बा। कुदरत भी क्या क्या करिश्मे करती है।
मैं बेहद सैक्सी थी और शादी के बाद अमित मेरी प्यास जरा सा भी नहीं बुझा पाये थे इसलिये मैं जतिन के लंड को ध्यान से देखती रही। मुझे जतिन का लंड बेहद अच्छा लग रहा था। उसके लंड को देख कर मेरे दिल में गुदगुदी सी होने लगी। मैंने सोचा काश अमित का लंड भी ऐसा ही होता तो मुझे खूब मज़ा आता। मैं बहुत देर तक उसके लंड को देखती रही। अचानक मेरे दिल में खयाल आया कि जतिन को कॉलेज भी जाना है। मैं सोच में पड़ गयी कि उसे कैसे जगाऊँ। वो जागने के बाद पता नहीं क्या सोचेगा। बहुत देर तक मैं खड़ी-खड़ी सोचती रही और उसके लंड को देखती रही। मैंने दिल ही दिल सोचा, काश जतिन ही मुझे चोद देता तो मुझे जवानी का मज़ा तो मिल जाता।
मैं जतिन के नज़दीक गयी और कहा, “जतिन, साढ़े नौ बज रहे हैं। उठना नहीं है क्या?” वो हड़बड़ा कर उठा तो उसने खुद को एक दम नंगा पाया। वो कभी मुझे और कभी अपने लंड की तरफ़ देखने लगा।
मैंने कहा, “तुम ऐसे ही सोते हो क्या। तुम्हें शर्म नहीं आती?”
वो बोला, “गहरी नींद में सोने की वजह से अक्सर मेरी लुंगी खुल कर इधर उधर हो जाती है। आज आपने भी मेरा लंड देख ही लिया। अब क्या होगा।“
मैंने कहा, “होगा क्या?”
उसने अपने लंड कि तरफ़ इशारा करते हुए कहा, “भाभी! ये मुझे बेहद परेशान करता है। अक्सर सुबह को ये खड़ा हो जाता है!”इतना कह कर उसने अपनी लुंगी उठानी चाही तो मैंने तुरन्त ही उसकी लुंगी उठा ली और कहा, “तुम ऐसे ही बहुत अच्छे लग रहे हो!”
वो बोला, “क्या मैं ही अच्छा लग रहा हूँ। क्या मेरा लंड अच्छा नहीं है?”
मैंने कहा, “वो तो बेहद अच्छा है!”
वो बोला, “पसन्द आया आपको?”
मैंने कहा, “हाँ!”
वो बोला, “फिर ठीक है। चाहो तो हाथ लगा कर देख लो!”
मैंने कहा, “कॉलेज नहीं जाना है क्या?”
“जाना तो है। आप इसे हाथ से पकड़ कर देख लो। उसके बाद मैं कॉलेज चला जाऊँगा।”
मेरा दिल तो जतिन से चुदवाने को कर रहा था लेकिन ये बात मैंने जाहिर नहीं होने दी। मैंने कहा, “अगर तुम कहते हो तो मैं पकड़ लेती हूँ… लेकिन तुम कुछ और तो नहीं करोगे ना।”
वो बोला, “बिल्कुल नहीं!”
मैंने कहा, “फिर ठीक है!”
मैं जतिन के बगल में बेड पर बैठ गयी। जोश के मारे मेरी चूत गीली हो रही थी। उसने मेरा हाथ अपने लंड पर रख दिया तो मैंने जतिन का लंड पकड़ लिया। थोड़ी देर तक मैं उसके लंड को पकड़े रही तो वो बोला, “सहलाओ ना इसे!” मैंने उसके लंड को धीरे-धीरे सहलाना शुरु कर दिया। मेरे सहलाने से उसका लंड और ज्यादा टाइटहो गया। थोड़ी देर बाद मैंने कहा, “अब जाओ, नहा लो!”
वो बोला, “और सहलाओ ना।”
मैं उसका लंड सहलाने लगी। वो बोला, “चुदवाओगी?”
मैंने कहा, “नहीं। पागल हो क्या?”
उसने पूछा, “क्यों, मेरा लंड आपको पसन्द नहीं आया?”
मैंने कहा, “लंड तो तुम्हारा… माशा अल्लाह बेहद दिलकश है!”
वो बोला, “फिर चुदवा लोना!”
मैंने कहा, “मैं तुम्हारी भाभी हूँ। मैं तुमसे नहीं चुदवाऊँगी!”
वो बोला, “फिर तो आपको सारी जिन्दगी जवानी का मज़ा नहीं मिल पायेगा!”
मैंने पूछा, “क्यों?”
वो बोला,“भैया का लंड सिर्फ तीन इंच का ही है। मैं जानता हूँ कि उनसे चुदवाने में किसी भी औरत को बिल्कुल भी मज़ा नहीं आयेगा!”
मैंने कहा, “तुम कैसे जानते हो कि उनका लंड छोटा है?”
वो बोला, “हम दोनों बहुत दिनों तक साथ ही साथ एक दम नंगे ही नहाते थे। हम दोनों एक दूसरे के लंड के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। आप मुझसे चुदवा लो। मैं आपको जवानी का पूरा मज़ा दूंगा!”
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