मैंने कहा, “तुम्हारे भैया को पता चलेगा तो वो क्या कहेंगे?”
जतिन बोला, “कुछ नहीं कहेंगे… क्योंकि वो काफी ब्रोड मायंडिड हैं… वो जानते हैं कि उनका लंड छोटा है और वो किसी औरत को पूरा मज़ा नहीं दे सकते!”
मैंने कहा, “अच्छा देखा जायेगा। अब तुम जाओ नहा लो। मैं नाश्ता बनाती हूँ!”
जतिन नहाने चला गया और मैं किचन में नाश्ता बनाने चली गयी। नहाने के बाद जतिन ने नाश्ता किया और कॉलेज चला गया। उस दिन जब मैं रात में सोने के लिये अपने रूम में गयी तो अमित जाग रहे थे। मैं जैसे ही बेड पर उनके पास बैठी तो उन्होंने पूछा, “कैसा लगा जतिन का लंड?”
मैंने कहा, “क्या मतलब है तुम्हारा?”
वो बोले, “शादी के पहले मैं ही जतिन को जगाया करता था। अक्सर उसकी लुंगी खुल कर इधर उधर हो जाती थी और उसका लंड दिखायी देता था। अब तो तुम ही जतिन को जगाती हो। मैं समझता हूँ कि तुमने अब तक जतिन का लंड देख लिया होगा। इसी लिये मैं पूछ रहा हूँ कि जतिन का लंड तुम्हें पसन्द आया या नहीं!”
मैंने शर्माते हुए कहा, “आज जब मैं जतिन को जगाने गयी थी तो उसकी लुंगी खुल कर बेड के किनारे पड़ी थी, तभी मैंने उसका लंड देखा था। उसका लंड तो बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा है। उसकी बीवी को जवानी का भरपूर मज़ा मिलेगा!”
वो बोले, “मैं जानता हूँ कि मैं तुम्हें पूरा मज़ा नहीं दे सकता क्योंकि मेरा लंड तो किसी छोटे लड़के की तरह है। अगर तुम चाहो तो जतिन से चुदवा कर जवानी का पूरा मज़ा ले लो और मुझे जरा सा भी एतराज़ नहीं है और ना ही मैं तुम्हें मना करूँगा। इस तरह घर की बात घर में ही रह जायेगी। किसी को कुछ भी पता नही चलेगा!”
मैंने कहा, “तुम नशे में तो नहीं हो?”
वो बोले, “मैं पूरे होश में हूँ। ऑय लव यू सो मच और मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से तुम सारी ज़िन्दगी जवानी का मज़ा ना ले पाओ। तुम जतिन से चुदवा कर जवानी का पूरा मज़ा उठाओ!”
मेरा दिल तो पहले से ही जतिन से चुदवाने को हो रहा था। अब तो मुझे अपने हसबैंड से इज़ाज़त भी मिल गयी। मैं बहुत खुश हो गयी। मैंने कहा, “ठीक है, देखा जायेगा!”
वो बोले, “देखा नहीं जायेगा…तुम उस से कल ही चुदवा लो। कल उसे कॉलेज मत जाने देना और सारा दिन खूब जम कर चुदवाना और मज़ा लेना!”
मैंने कहा, “ठीक है। मैं कल जतिन से चुदवाने की कोशिश करूँगी!”
उसके बाद हम सो गये। अगले दिन अमित के ऑफिस चले जाने के बाद मैं नहाने चली गयी। नहाने के बाद मैंने अंदर कुछ भी नहीं पहना। मैंने सिर्फ एक पतली सी नाइटी पहन ली क्यों कि आज मुझे जतिन से चुदवाना था। उसके बाद मैं ऊँची हील की चप्पल पहन कर जतिन के कमरे में गयी। मेरे दिल में अभी भी उसके लंड का खयाल बार-बार आ रहा था। मैं उसके लंड को बार-बार देखना चाहती थी। मैं उसके रूम में पहुँची तो जतिन सो रहा था। आज उसकी लुंगी खुल कर बेड के नीचे ज़मीनपर पड़ी थी। उसका लंड एक दम खड़ा था। मैंने उसकी लुंगी उठा कर ड्रेसिंग टबेल पर रख दी। उसके बाद मैं जतिन के बगल में बैठ गयी और उसके लंड को देखने लगी। धीरे-धीरे मुझे जोश आने लगा और मेरी आँखें गुलाबी सी होने लगी। मेरा दिल कर रहा था कि मैं उसके लंड को पकड़ लूँ लेकिन मेरे दिल में खयाल आया कि जतिन क्या सोचेगा। कहीं वो बुरा न मान जाये । मैं बहुत देर तक उसके लंड को देखती रही। जोश के मारे मेरी चूत गीली होने लगी। मुझसे और ज्यादा बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने उसके लंड को पकड़ लिया। जतिन फिर भी नहीं उठा तो मैं उसके लंड को सहलाने लगी। दो मिनट में ही जतिन उठ गया।
उसने मुझे अपना लंड सहालते हुए देखा तो बोला, “लगता है कि आज चुदवाने का इरादा है!”
मैंने कहा, “कुछ ऐसा ही समझो!”
वो बोला, “फिर आ जाओ।”
इतना कह कर जतिन ने मुझे अपनी तरफ़ खींच लिया। मैं जोश में आ चुकी थी इसलिये कुछ भी नहीं बोल पायी। उसके लंड को हाथ लगाने से मेरे सारे बदन में आग-सी लगने लगी थी। जतिन ने मेरे होंठों को चूमते हुए बोला, “और तेजी से सहलाओ!”
मैं चुपचाप उसके लंड को तेजी से सहलाने लगी। मैं उसका लंड सहालती रही और वो मेरे होंठों को चूमता रहा। थोड़ी ही देर में उसका लंड एक दम टाइट हो गया। उसके लंड का सुपाड़ा बेहद मोटा था और एकदम गुलाबी सा दिख रहा था। मैंने अपनी अंगुली उसके लंड के सुपाड़े पर फिरानी शुरु कर दी तो वो आहें भरते हुए बोला, “ओह भाभी, बहुत मज़ा आ रहा है!”
जतिन जोश के मारे पागल सा हुआ जा रहा था। उसने मेरे बदन पर से नाइटी खींच कर फेंक दी तो मैं एक दम नंगी हो गयी। मैंने शरम से अपनी आँखें बन्द कर लीं। उसने मेरे निप्पलोंको मसलना शुरु कर दिया। मैं जोश से पागल सी होने लगी। मेरी चूत और ज्यादा गीली हो गयी। जतिन ने मेरा चेहरा अपने लंड की तरफ़ करते हुए कहा, “देखो भाभी, आपके सहलाने से ये पूरे जोश में आ गया है!”
मैंने अपनी आँखें खोल दी।
वो बोला, “इसे अपने मुँह में ले लो!” उसने मेरा सिर पकड़ कर अपने लंड की तरफ़ खींच लिया और उसके लंड का सुपाड़ा मेरे मुँह से आ लगा। उसने कहा, “चूसो न इसे!”
मैंने उसके लंड के सुपाड़े को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं काफी देर तक उसके लंड को चूसती रही और वो एक हाथ से मेरा सिर सहालाता रहा और दूसरे हाथ से मेरे बूब्सको मसलता रहा। थोड़ी देर बाद उसके लंड का रस मेरे मुँह में निकलने लगा। मैंने अभी तक अमित के लंड के रस का स्वाद नहीं लिया था इसलिये मुझे उसके लंड के रस का स्वाद बहुत अच्छा लग रहा था। मैं उसके लंड का सारा रस निगल गयी।
जतिन बहुत खुश हो गया और बोला, “आज तो मज़ा आ गया। चुदवाओगी?”
मैंने कहा, “नहीं!”
वो बोला, “क्यों। अभी तो कह रही थी कि कुछ ऐसा ही समझ लो! अब कह रही हो, नहीं!”
मैंने कहा, “तुम्हारा बहुत बड़ा है। दर्द बहुत होगा!”
वो बोला, “तो क्या हुआ, मज़ा भी तो आयेगा!”
इतना कह कर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी चूत को सहलाने लगा। मेरे सारे बदन में बिजली सी दौड़ने लगी। उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये। मैंने भी जोश के मारे उसके होंठों को चूमना शुरु कर दिया। थोड़ी देर बाद जतिन ने एक अंगुली मेरी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा तो मुझे खूब मज़ा आने लगा मैंने भी जोश के मारे अपने चुतड़ उठाने शुरु कर दिये। थोड़ी ही देर के बाद मुझे लगा कि मेरी चूत से कुछ निकलने वाला है।
मैंने शर्माते हुए जतिन से कहा, “अपनी अंगुली बाहर निकाल लो!”
वो बोला, “क्यों… अच्छा नहीं लग रहा है?”
मैंने कहा, “बहुत अच्छा लग रहा है। लेकिन मुझे लग रहा है कि मेरी चूत से रस छूटने वाला है!”
वो बोला, “ये तो बहुत अच्छी बात है। जैसे मेरे लंड से रस निकला था उसी तरह आपकी चूत से भी रस निकलेगा!”
इतना कह कर जतिन उठा और मेरे उपर सिक्सटी-नाइन की पोज़िशनमें हो गया। उसने अपनी जीभ मेरी क्लिटपर फिराते हुए मेरी चूत को चाटना शुरु कर दिया। मेरे सारे बदन में सनसनी सी होने लगी। मैंने जतिन का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं एक हाथ से जतिन का सिर अपनी चूत पर दबाने लगी तो वो मेरी चूत को और ज्यादा तेज़ी के साथ चाटने लगा। मैं और ज्यादा जोश में आ गयी। मैंने जतिन का लंड तेजी के साथ चूसना शुरु कर दिया। अब तक मैं बिल्कुल बेकाबू हो चुकी थी और चाहती थी कि जतिन मुझे चोद दे। तभी मेरी चूत से कुछ गरम-गरम सा निकलने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। जतिन ने मेरी चूत का सारा का सारा रस चाट लिया। जतिन का लंड भी फिर से खडा हो चुका था। मेरी चूत का सारा रस चाट लेने के बाद जतिन मेरी टाँगों के बीच आ गया। उसने मेरी दोनों टाँगों को फैला कर अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के बीच रख दिया। उसके बाद उसने मेरे दोनों मम्मोंको मसलते हुए अपने लंड के सुपाड़े को मेरी चूत पर रगड़ना शुरु कर दिया। मेरे सारे बदन में गुदगुदी सी होने लगी और जोश में आ कर मैं सिसकारियाँ भरने लगी।
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