एक दिन प्रेरणा भाभी की चचेरी ननद कनिका कुछ दिनो के लिये आयी। कनिका बत्तीस साल की थी और बेवा थी। वो अजमेर में किसी कॉलेज में प्रोफेसर थी और चंडीगढ़ में किसी वर्कशॉप के लिये महीने भर के लिये आयी थी। वो करीब पाँच फुट चार इंच लंबी थी और उसका जिस्म ज्यादा मोटा भी नहीं था और ज्यादा पतला भी नहीं था। कनिका बेहद खुबसूरत थी और ज्यादातर जींस और कुर्ता-टॉप पहनती थी। आधुनिक कपड़ों के बावजूद बाहर जाते वक्त कनिका सिर पे स्कार्फ जैसा हिजाब बाँधती थी। सब से ज्यादा आकर्षक उसकी गाँड थी। ऊँची हील की सैंडल पहन कर जब वो चलती थी तो टाईट जींस में उसकी गाँड मटकती देख कर मेरा लंड भी नाचने लगता था।
कनिका भी सुबह यूनिवर्सिटी जाती थी और शाम को करीब मेरे साथ-साथ ही घर वापस आती थी। उसकी और प्रेरणा भाभी की बहुत पटती थी लेकिन शुरू-शुरू में थोड़ी शरम की वजह से कनिका मुझसे दूर रहती थी और ज्यादा बात भी नहीं करती थी। कभी-कभी शाम को खाने से पहले ड्रिंक्स में कनिका हमारा साथ देती थी लेकिन औपचारिक बातें ही करती थी। कनिका के आने से अब मैं और प्रेरणा भाभी पहले की तरह खुल कर कभी भी या कहीं भीचुदाई नहीं कर सकते थे। लेकिन रात तो को प्रेरणा भाभी मेरे कमरे में ही सोती थी और हम खूब चुदाई करते।
एक दिन मुझे दफ्तर पहुँच कर एक घंटा ही हुआ था कि प्रेरणा भाभी का फोन आया। मुझे थोड़ी हैरानी हुई क्योंकि प्रेरणा भाभी ने पहले कभी इस तरह दफ्तर के वक्त फोन नहीं किया था और वो भी तोसुबह मेरे सामने ही तो स्कूल जाने के लिये निकली थीं। जब मैंने फोन उठाया तो उन्होंने बताया कि किसी वजह से उनके स्कूल में छुट्टी हो गयी है और वो घर वापस जा रही हैं। प्रेरणा भाभी ने मुझे भी दफ्तर से छुट्टी लेकर घर आने को कहा क्योंकि कनिका कि गैर-मौजूदगी में शाम तक ऐश करने का ये अच्छा मौका था। मैंने कहा, “ठीक है भाभी… लेकिन मुझे घर पहुँचने में दो घंटे लगेंगे क्योंकि मुझे एक रिपोर्ट पुरी करनी है।”
प्रेरणा भाभी बोली, “मैं रास्ते में आर्मी कैंटीन से घर का कुछ सामान और व्हिस्की वगैरह खरीदते हुए जाऊँगी… जल्दी आना विक्की… मुश्किल से ऐसा मौका मिला है!”
मैं साढ़े ग्यारह तक घर पहुँच गया तो देखा कि प्रेरणा भाभी पूरे मूड में थीं। एम-टी-वी चैनल पर कोई भड़कता हुआ म्यूज़िक एलबम देखते हुए प्रेरणा भाभी सोफे पर बैठी शराब पी रही थीं। उन्हें देख कर ऐसा लग रहा था जैसे कि आते ही पीने बैठ गयी थीं क्योंकि प्रेरणा भाभी ने सुबह जो सलवार-सूट पहना था, इस वक्त भी वही सुबह वाली कमीज़ और ऊँची पेन्सिल हील की बारीक पट्टियों वाली सैंडल पहनी हुई थी जबकि उनकी सलवार इस वक्त सोफे के पास फर्श पर पड़ी थी।
मैंने अंदर आते ही कहा, “ये कया भाभी… आप तो सुबह ही शराब पीने बैठ गयीं और मेरा भी इंतज़ार भी नहीं किया!”
प्रेरणा भाभी बोलीं, “विक्की! पिछले वीकेंड भी कनिका की वजह से ना तो दिल खोल कर शराब पी और ना ही जम कर चुदाई की और अगले तीन-चार हफ्ते हमें एहतियात बरतनी पड़ेगी। इसलिये आज सारी कसर निकालने का इरादा है…!”
ये कहते हुए वो सोफे से उठ कर झूमती हुई मेरे नज़दीक आयी और मेरे गले में बाँहें डाल कर मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये। ऊँची हील के सैंडलों में प्रेरणा भाभी के लड़खड़ाते कदमों और बहकती ज़ुबान से साफ था कि वो काफी शराब पी चुकी थीं और नशे में धुत्त थीं। मैं जब भी प्रेरणा भाभी को ऊँची हील की सैंडल पहने इस तरह नशे में लड़खड़ाते हुए देखता था तो मेरा लंड बेकाबू हो जाता था।
मैंने उन्हें चूमते हुए सोफे पर वापस बिठाया और खुद एक पैग पीने के बाद अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया। इतने में प्रेरणा भाभी ने भी अपनी कमीज़ और ब्रा उतार कर एक तरफ फेंक दी और पैरों में सैंडलों के अलावा मादरजात नंगी हो कर फिर मुझसे लिपट गयीं। फिर हमारी चुदाई सोफ़े पर ही शुरू हो गयी। मैं सोफे पर पीछे टिक कर लेटा था और मेरे पैर ज़मीन पर थे। प्रेरणा भाभी मुझ पर सवार हो गयी थी। मेरा ज़ालिम लंड उनकी चूत में घुस कर फंसा हुआ था। वो कुल्हे उठा-गिरा कर मेरा लंड अपनी चूत में अंदर-बाहर कर रही थी। उनकी चूचियाँ मेरे मुँह के ऊपर थीं और मैं उनके निप्पल चूस रहा था। शराब के नशे और चुदाई की मस्ती में प्रेरणा भाभी जोर-जोर से सिसकारियाँ भर रही थीं।
इतने में मेरी नज़र दरवाज़े की तरफ पड़ी तो देखा कनिका वहाँ खड़ी-खड़ी हैरानी से स्तंभित सी हमें देख रही थी। मैंने चुदाई नहीं रोकी और बोला, “अरे कनिका जी… आप कब आयीं?”
पर..
Hindi Sex Story अन्य भाग-
एक प्रमोशन की खातिर
ननद-भाभी की एक साथ चुदाई – I
ननद-भाभी की एक साथ चुदाई – II
ननद-भाभी की एक साथ चुदाई – III
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