मैंने पहली बार किसी औरत की नंगी बदन देख रहा था । मम्मी की चुतड ! उभरी हुई, ज्यादा चौडी के कारण बडा हाँट लग रहा था । अब मैं अपना लंड जोर जोर से हिलाने लगा मुझे डर था कि कहीँ मम्मी मुझे देख न ले, पर उसे कहाँ मालूम कि उसका बेटा सब कुछ देख रहा है ।
व शायद इसी सोच में होगी कि मैं 4.00 बजे के बाद लौटुंगा । इतने में मम्मी मेरी और मुडी मैरी आँखें उनकी बडी-बडी चूचियां पर पडी और मम्मी की बुर देखने का लिए जब उनकी मोटी जांघों के बिच नजर दौडाया तो मुझे ऐसा झटका लगा मानो मुझे 440 वोल्ट का करेंट लग गया हो । एक अद्भुत द्रुश्य था मेरे सामने । मम्मी की दोनो जांघों के बिच बुर के वजाए 6 इंच मोटा मुरझा हुआ लंड दो अंडे जैसे अंडकोष के साथ लटक रहा था, पुरा लंड घने झांटों से भरी हुई थी ।
मैं एकदम आश्चर्य था । मम्मी औरत है या मर्द ? ये बात मुझे बडा अजीब लग रहा था साथ मैं उत्तेजित भी हो रहा था । मेरी मम्मी मेरे सामने बिल्कुल नंगी खडी थी, उनकी मेरे जैसा ही लंड है ये बात मुझे हजम नहीँ हो रहा था । औरतोँ की बुर होती है, पर यहां तो मामला कुछ और है । मम्मी की बुर नहीं थी, उनकी झांटोँ भरी हुई लंड है, व भी मेरा लंड से काफी बडा । लंड का सुपाडा आधा निकली हुई थी ।
क्या औरोतों की भी मर्द जैसा लंड होती है ? मैंने अपना लंड पर नजर दौडाया जो सिर्फ 5 इंच का था । उत्तेजना के मारे मेरा बदन कांप रहा था और अपना लंड मम्मी की तगडी लंड को देखते हुए हिलाने लगा ।
अब मम्मी अपनी सर को पिछे की और झुकाए एक हाथ से लंड को सहला रही थी ।
मैंने पहली बार इतनी बडी लंड देख रहा था, और व मम्मी की लंड थी जो नाँर्माल में ही 6 इंच की थी और काफी मोटा भी है । मैं सोच में पड गया कि मम्मी की लंड पूरी तनाव मेँ कितनी बडी होगी । अब मम्मी अपनी लंड के सीपाडा को अंदर बाहर कर रही था और दुसरी हाथ से चुचियां मसल रही थी । घने झांटों से भरी लंड उनकी औरत की बदन पर बडा ही सेक्सी लग रही थी ।
तभी मम्मी अपनी भारी चौडी चुतड हिलाती हुई अलमारी की और जाने लगी । मम्मी की उभरी गांड की थिरक देख मेरा लंड कडा हो गया । अलमारी के निचले भाग से जब कुछ चिजेँ निकालने के लिये झुकी तो उनकी गांड और चौडी हो गई और गांड के दरार के बिच भूरे रंग का छेद दिखाई पडा साथ में छेद के निचे बडा सा लंड अंडकोष के साथ लटकी हुई थी । मम्मी की इतनी चौडी गांड और लंड देखकर मेरा तनाव बढता गया और मैँ मुठ मारने लगा ।
मम्मी कुछ चीजें निकाल कर उठी और वापस टेबल के पास आई तो मैंने उनकी हाथ में एक सिगारेट और कंडोम का पैकेट देखा । मुझे फिर से झटका लगा ! मम्मी सिगारेट भी पीती है ? खैर ! पर कोँडम क्या करेगी ? फिर मम्मी एक सिगारेट निकाल के लगाई और कश लेने लगी । मम्मी की नंगी बदन और हरकत देखकर मेरा बदन उत्तेजना के मारे काँप रहा था, सांसें फूल रही थी । मम्मी को शायद यकिन था कि मैं 4.00 बजे के बाद ही लौटुंगा इसीलिए अकेली होने के कारण नंगी होकर मजे उठा रही थी ।
क्या नजारा था, मेरी 38 साल की मम्मी नंगी खडी एक हाथ से सिगारेट पकड कर लम्बी लम्बी कश ले रही थी और दुसरी हाथ से अपनी बडी लंड को धिरे धिरे आगे पिछे कर रही थी । तभी सिगारेट को होंठों पर दबाकर मम्मी एक कंडोम निकाली । उनकी लंड अब पूरे तनाव में आ चुका था ।फिर मम्मी अपनी लंड के सुपाडा को पुरी निकाली और कंडोम को सुपाडी पर रख कर लंड के जड़ तक रोल की । अब कंडोम उनकी लंड से चिपक गई, कंडोम परदार्सी होने के कारन मम्मी की लंड साफ दिख रही थी, जिससे मम्मी की लंड पूरे तनाव के साथ अप-डाउन होने लगा । अब पूरी तनाव में उनकी लंड लगभग 8 इंच का हो चूका था, ये देख कर मेरा बदन में आग लग गया ।
अब मम्मी सिगारेट का आखिरी कश लेकर आस-ट्रे पर फैंक दी और बिस्तर पर अपनी मांसल जांघों को फैला कर लेट गई । और ऑंखें बंद कर के एक हाथ से चुचियां दबाती हुई दुसरे हाथ से अपनी लम्बी और मोटी लंड मुठ्ठी में लेकर हस्तमैथुन करना शुरु कर दी ।
मम्मी की ये हाल देख कर मेरा हालत भी खराब हो रहा था । बहुत अद्भुत द्रुश्य था । एक औरत अपनी बड़ी सी लंड से हस्तमैथुन कर रही थी, और व औरत मेरी मम्मी थी । अब मम्मी मूँह से अजिव आवाजें निकाल कर सिसकारीयां ले रही थी । मम्मी चुचियों को मसलते हुए जोर-जोर से लंड मुठिया रही थी । उनकी होंठ दांतों तले दबी हुई थी और मम्मी अपनी भारी गांड जोरों से उछालती हुई सिसकारियां ले रही थी ।
तभी मम्मी एक उंगली चाट के गिली की और सिधे गांड के छेद में अंदर पेलने लगी । अब मम्मी ने अपनी हाथ की रफ्तार बढ़ा ली और लंड को कस के पकड कर जोर से हस्तमैथुन करने लगी । दुसरे हाथ से चुचियों को मसलती हुई मूँह से अजिव आवाजें निकाल रही थी और चुतड हवा में जोर-जोर से उछाल रही थी ।
करीब दस मिनट तक अपनी लंड को हिलाने के बाद अचानक मम्मी चिल्लाने लगी मानो रो पडेगी, मैं समझ गया अब व झडने वाली है । तभी मम्मी जोर से चिल्ला पडी और दो-तिन बार अपनी गांड जोर से उछालने के बाद निढाल हो गई । मम्मी की सांसें जोर से चल रही थी, उनका पूरा बदन कांप रहा था । शायद व झड रही थी ।
मैं बडे ही उत्सुकता से मम्मी की लंड पर नजरें गडाए रखा था । क्या सचमुच मम्मी की औरत वाली लंड से वीर्य निकली है ? करीब पाँच मिनट तक पड़े रहने के बाद से उठी खडी हुई, अपनी लम्बे बालोँ को संवारी जो हस्तमैथुन के समय बिखर गई थी । उनकी लंड एकदम मुरझा गया था फिर भी काफी मोटा और लम्बा दिख रहा था । कमरे का सामान इधर उधर पड़ी थी तो उसने सामान सजाने लगी । कंडोम अब तक मम्मी की लंड से चिपकी हुई थी, क्या लंड थी मम्मी की, सिकुड़े हुए भी छे इंच का था । चलने से मम्मी की लंड ऊपर निचे थिरक रही थी और पैरों की पैंजम आवाज़ कमरे में गूंज रही थी । मम्मी की लंड की चारों और घने बाल थे ।
फिर मम्मी टेबल के पास आयी और धिरे-धिरे कंडोम को लंड से निकाल ली और उसे देखने लगी । मैंने बड़े ध्यान से देखा कंडोम के टिप पर दो चम्मच के करीब गाढे सफ़ेद पदार्थ जमी हुई थी । मम्मी थोडी मुस्कराती हुई कंडोम को देख रही थी, लंड के साथ झड़ने में मिली आनंद से व तृप्त नज़र आ रही थी । मैं निश्चिंत हो गया कि मम्मी की लंड मर्दों की तरह वीर्य निकल के झडी थी । यही विचार मन में आते ही कि – मम्मी की लंड पूरी मर्द जैसा ही काम करती है, यानी मम्मी बुर भी चोद सकती है …. मैं भी झडने लगा ।
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