साली गजब की चीज़ है। भरपूर चुदने के बाद मुझसे कहती है कि अपने पानी से मेरी चूत भर दो। ऐसी मस्त माल तो नसीबो से ही मिलती है। पढ़िए इस Hindi Sexy Kahani का आखिरी भाग-
इस Hindi Sex Story के अन्य भाग
पार्ट 1
आखिरी पार्ट
शुरू के दस मिनट तक रक्षा मुझे चोदने में पूरा साथ देती रही पर बाद में मेरे कँधों पर पैर रख कर आँखें बंद करके चुपचप लेट गयी। उसकी सैंडल के बकल मेरी गर्दन पर खरोंच रहे थे। थोड़ी देर के बाद मैं जब झड़ने को हुआ तो मैंने अपनी कमर चलाना बंद कर दी और उससे कहा, “मैं अब अपना लंड निकाल कर तुम्हारे पेट के ऊपर झड़ने वाला हूँ।”
रक्षा ने मेरी बात सुनते ही मुझे और जोर से अपने हाथों से बाँध लिया और बोली, “खबरदार, अपना लंड मत निकालना। तुम मेरी चूत के अंदर ही अपना पानी छोड़ो। मैं रोज़ पिल्स लेती हूँ। तुम अपने पानी से मेरी चूत को भर दो। मुझे तुम्हारे पानी से अपनी चूत भरनी है।”
मैंने उसकी बातों को सुन कर चोदने की स्पीड फिर से तेज कर दी और उसकी चूत में अपना लंड जल्दी-जल्दी से अंदर-बाहर करने लगा। थोड़ी देर के बाद मेरे लंड ने रक्षा की चूत के अंदर पिचकारी छोड़ दी और उसकी चूत मेरे पानी से भरने लगी।
रक्षा भी मेरे झड़ने के साथ साथ झड़ गयी। वो अपनी चूत सिकोड़-सिकोड़ कर मेरे लंड का पानी निचोड़ने लगी। थोड़ी देर मैं अपना लंड रक्षा की चूत से बिना निकाले उसके उपर लेटा रहा और रक्षा को फिर से चूमने लगा और हाथों से उसकी चूंची को दबाने लगा। कुछ देर के बाद मैं रक्षा की एक चूंची अपने मुँह में भर कर चूसने लगा।
करीब दस मिनट के बाद रक्षा फिर से मुझको अपने हाथों से बाँध कर मुझको चूमने लगी और थोड़ी-थोड़ी देर के बाद मेरे कान पर अपने दाँत से हल्के-हल्के काटने लगी। फिर वोह मुझसे बोली, “हाय मेरे चोदू सनम, आज तक किसी ने चुदाई में मुझे इस तरह खुश नहीं किया है। मुझे तुम्हारा चुदाई का औजार और तुम्हारा चुदाई का तरीका बेहद पसंद आया और सबसे अच्छी बात चुदाई के दौरान गंदी-गंदी बात करना अच्छा लगा। चूत मरवाते वक्त मुझे गंदी-गंदी बात सुनने और गंदी-गंदी बात करने में बहुत मज़ा आता है… लेकिन मेरा शौहर इमरान कभी भी मुझे चोदते समय गंदी-गंदी बात नहीं करता है। वो तो बस सोने के पहले लाईट ऑफ करके मेरी नाईटी उठा कर मेरी चूत में अपना लौड़ा डाल कर दस-पंद्रह धक्के मारता है और झड़ जाता है। मैं तब तक गरम भी नहीं होती हूँ। फिर रात भर वो मेरी तरफ अपनी गाँड करके सोता रहता है और मैं अपनी अँगुली से अपनी चूत का पानी निकालती हूँ।”
मैंने तब रक्षा की चूंची को मसलते हुए कहा, “तुम भी तो चुदाई के दौरान खूब गंदी-गंदी बात करती हो और यह मुझे बहुत पसंद आया… अपने हसबैंड के अलावा और कितने लंड लिये हैं तुमने अपनी चूत में… काफी खेली-खायी लगती हो तुम।”
“मुझे मौका ही कहाँ मिलता है…. शादी से पहले तो मैं कॉलेज में खूब चुदवाती थी पर शादी के बाद से तो बस कभी कभार ही किसी और से चुदवाने का मौका मिलता है… पर जब भी बगैर खतरा उठाये चुदवाने का मौका मिलता है मैं छोड़ती नहीं हूँ।”
यह कहकर उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और मैंने उसकी जीभ चूसते हुए उसके मुँह में अपना थूकडाल दिया। इसके साथ मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा और वो रक्षा की चूत में उछलने लगा।
फिर रक्षा ने अपनी सैक्सी आवाज में मुझसे पूछा, “क्या तुम मुझसे और गंदी बातें सुनना चाहोगे?”
मैंने उसकी चूंची को जोर से मसलते हुए कहा, “क्यों नहीं, जरूर। चलो शुरू हो जाओ गंदी-गंदी बात करना।”
तब रक्षा मेरे सीने में अपना मुँह छिपाती हुई बोली, “आज तुम मेरी गाँड मारो। मैं तुम्हारा लंबा और मोटा लंड अपनी गाँड को खिलाना चाहती हूँ। मुझे तुम्हारा लौड़ा अपनी गाँड के अंदर लेना है।”
मैं उसकी बात सुन कर बहुत उत्तेजित हो गया और मेरा लंड उसकी चूत के अंदर उछलना शुरू हो गया। मैंने उसके होठों को चूमते हुए उससे कहा, “हाँ, मुझे भी औरतों की गाँड में लंड पेलने में मजा आता है। मुझे तुम्हारी मोटी-मोटी गाँड के अंदर लंड डाल कर चोदने में बहुत मज़ा आयेगा।”
फिर रक्षा बोली, “मैंने कईं दफा अपने हसबैंड से मेरी गाँड मारने के लिये कहा, मगर मेरा हसबैंड मेरी गाँड नहीं मारना चाहता है। उसको बस मेरी चूत के अंदर लंड पेलने में ही मज़ा आता है।” वो आगे बोली, “मेरी बहुत सी सहेलियों को भी गाँड मरवाने का शौक है लेकिन उनके शौहर भी उनकी गाँड नहीं चोदते।”
मैंने तब अपना लंड रक्षा की चूत से निकाला। मेरा लंड इस समय रक्षा की चूत के रस से सना हुआ था और इस लिये वो चमक रहा था। रक्षा ने मेरे लंड को देखते ही उसे अपने मुँह में भर लिया और उसको चूसने लगी। जब तक रक्षा मेरा लंड चूस रही थी मैं अपनी एक अँगुली से उसकी गाँड खोदता रहा।
थोड़ी देर लंड चूसने के बाद रक्षा कुत्तिया की तरह पलंग पर अपने हाथोंऔर घुटनों के बल झुक गयी और अपने हाथों से अपने चूत्तड़ों की फाँक को खींच कर अपनी गाँड मेरे सामने खोल दी। फिर वोह मुझसे अपने लंड को उसके मुँह के सामने लाने के लिये बोली। मैंने जैसे ही अपना लंड रक्षा के मुँह के सामने किया तो रक्षा ने उस पर अपने मुँह से ढेर सारा थूक निकाल कर मेरे लौड़े पर अच्छी तरह से लगाया। मेरा लंड तो पहले से ही उसकी चूत के पानी से लसलसा रहा था। तब रक्षा मुझसे बोली, “आओ मेरी चूत के सरताज़, अब तक तुमने मेरी चूत का लुत्फ़ लिया अब तुम मेरी गाँड मार कर मुझे गाँड से लंड खाने का मज़ा दो। आज मेरी बहुत दिनों की गाँड चुदवाने की तमन्ना पूरी होने जा रही है। अगर तुमने मेरी गाँड मार कर मुझे खुश कर दिया तो मैं अपनी और सहेलियों की चूत और गाँड तुमसे चुदवाऊँगी। मेरी बहुत सी सहेलियाँ शादी के पहले से गाँड मरवा कर गाँडू बन गयी हैं। चलो अब तुम पहले मेरी गाँड चोदो, सहेलियों की बात बाद में होगी।”
रक्षा की इन सब बातों से मैं बहुत उत्तेजित हो गया और उसके पीछे अपना खड़ा लंड ले कर बैठ गया। रक्षा ने अपना चेहरा तकिये में छिपा लिया और अपने हाथों से अपने चूत्तड़ पकड़ कर मेरे सामने अपनी गाँड का छेद पूरी तरह से खोल दिया। मैंने उसकी गाँड के छेद पर अपने मुँह से थोड़ा थूक लगाया और अपने लंड को उसकी गाँड के छेद पर रख कर रगड़ने लगा। रक्षा मेरी तरफ अपना चेहरा घुमा कर बोली, “देखो, अपनी शादी के बाद से आज मैं मैंने इतने सालों में पहली बार अपनी गाँड को लंड खिला रही हूँ। मेरी गाँड काफी टाईट है… इसलिये पहले बहुत धीरे-धीरे मेरी गाँड मारना… नहीं तो मेरी गाँड फट जायेगी और मुझको बहुत दर्द होगा।”
करीब पाँच मिनट तक रगड़ने के बाद मैंने अपना लंड रक्षा की गाँड के छेद में घुसेड़ना चाहा, लेकिन उसकी गाँड काफी टाईट थी और मुझको अपना लंड घुसेड़ने में काफी तकलीफ महसूस होने लगी। फिर मैंने अपने दाहिने हाथ से अपना लंड उसकी गाँड के छेद पर लगा कर अपने बाँये हाथ से उसके एक निप्पल को जोर से मसल दिया। निप्पल मसले जाने से रक्षा जोर से चींखी “ऊऊई” और उसने अपनी गाँड को ढील छोड़ दिया और मैंने अपने लंड क सुपाड़ा एक जोरदार धक्के से उसकी गाँड के छेद के अंदर घुसेड़ दिया। रक्षा ने अपनी गाँड को फिर से टाईट करना चाही, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। रक्षा बोली, “नो… नहींईंईं… प्लीज़।”
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