तो दोस्तो, जैसा की आप ने अब तक पढ़ा की कैसे यामिनी और पापा को घर पे अकेले रहने का मौका मिला और यामिनी ने पापा को सिड्यूस किया। फिर, कैसे मैं ऊटी से अपना काम ख़तम कर के कविता के पास सिंगापुर पहुँचा और कविता ने कैसे मुझे सिड्यूस किया और हम ने बहुत चुदाई की.! अब पढ़िए ghar me chudai की sex stories का अगला भाग-
Sex stories के अन्य भाग-
पार्ट 1
पार्ट 2
पार्ट 3
पार्ट 4
जैसा की आप जानते हैं के जब मैं ऊटी से सिंगापुर के लिए निकला, उसके एक दिन पहले माही ऊटी से घर आ गई थी क्यों की उन दिनों सिर्फ़ पापा ऑफीस जा रहे थे.! इसलिए, यामिनी फ्री थी और यामिनी माही को लेने एयरपोर्ट आ गई थी.!
यामिनी ने एयरपोर्ट से माही को लिया और दोनों घर के लिए निकले, गाड़ी में।
यामिनी – तो कैसा रहा, तेरा हनिमून वीरेन के साथ… 2 हफ्ते, बहुत मज़ा किया होगा, तुम दोनों ने ऊटी में…
माही – अरे नहीं, हनिमून कहाँ यार… शादी के बाद में, ये मेरा और वीरेन का चौथा विकेशन था… अब वो पहले हनिमून जैसी बात अब कहाँ रही… पर, हाँ विकेशन में मज़ा बहुत आया…
यामिनी – तो क्या तू वीरेन के लण्ड से संतुष्ट नहीं है… ज़यादा चोदता नहीं क्या, तुझे वो…
माही – अरे!! नहीं नहीं… ऐसी बात नहीं है… वीरेन, बहुत पक्का और असली मर्द है और उसका लण्ड भी लंबा और मोटा है… फाड़ के रख देता है, मेरी… विकेशन पे एक दिन में, कई कई बार ले लेता है… मेरा मतलब था की फर्स्ट हनिमून में जो नयापन का मज़ा था, वो अब नहीं बचा क्यों की वही सब कुछ हम कई बार कर चुके हैं…
यामिनी – तो तू पटा ले ना, किसी को… वीरेन के लण्ड के मज़े के साथ साथ, तुझे नयापन भी मिल जायगा…
माही – हाँ यार!! ऐसा ही कुछ सोच रही हूँ… देखती हूँ… कुछ ना कुछ तो करूँगी…
यामिनी – मेरे पास एक आइडिया है…
माही – बता…
यामिनी – मुझे भी वीरेन पसंद है… तू मेरे लिए, मुझे तेरे पति वीरेन को पाटने में मेरी मदद कर दियो और तू मेरे पति हितेश को पटा ले… मैं तेरी मदद कर दूँगी…
माही – वाउ!! एक्सचेंज ऑफर… हाहहाहा… तुम सीरीयस हो… कहीं तू मज़ाक तो नहीं कर रही…
यामिनी – अरे, नहीं यार… मेरा भी हाल, कुछ तेरी तरह ही है… कुछ नयापन हो लाइफ में, तो मज़ा आ जायगा…
माही – चल, बाद में सोचते हैं इस बारे में… अभी आज कल तो हितेश मॉरिशस में है और वीरेन सिंगापुर में और यहाँ पर तो सिर्फ़ ससुर जी ही हैं।
दोनों घर पहुँचते हैं और अपने अपने रूम में, चले जाते हैं।
माही नहा के फ्रेश हो जाती है और सो जाती है।
यामिनी भी अपने रूम में, रेस्ट करने लगती है।
शाम को, पापा ऑफीस से घर आते हैं।
यामिनी, दरवाज़ा खोलती है।
पापा अंदर आते ही, यामिनी को पकड़ कर किस करने लगते हैं, तो यामिनी उनको दूर हटाते हुए बोलती है की अभी नहीं… माही घर पर है… 8 बजे, डिन्नर पर मिलते हैं… फिर रात में, माही के सोने के बाद… मैं आप के कमरे में आ जाउंगी…
रात 8 बजे, यामिनी पापा और माही तीनों डिन्नर टेबल पर थे।
यामिनी ने काली स्कर्ट और काला टॉप पहना था।
टॉप में से उसकी क्लीवेज मस्त लग रही थी, जो किसी को भी पागल बना दे।
माही ने अपने सिग्नेचर स्टाइल में, पर्पल कलर की सादी और पारदर्शी साड़ी, मिलते रंग के बिकनी ब्लाउज के साथ पहनी थी।
साड़ी उसने नेवेल से, बहुत नीचे बँधी थी।
पापा उसकी नेवेल, क्लीवेज और पीठ ललचाई नज़रों से बस घूरे जा रहे थे।
पापा सिर्फ़ अपने गाउन में थे और उन्होने, अंदर कुछ नहीं पहना था।
यामिनी – हमारा डिन्नर टाइम तो हो गया पर आज कुछ ज़यादा भूख नहीं है…
माही – हाँ, मैंने भी लेट खाया था फ्लाइट में…
ससुरजी – मेरा तो एक दो ड्रिंक्स लेने का मन है, अभी…
यामिनी – तो चलिए, फिर हम तीनों लिविंग रूम में बार के पास चलते हैं और कुछ देर वहीं बैठ के 2 या 3 ड्रिंक्स लेते हैं… पहले, माही तुम पिओगी ना…
माही – ओह!! हाँ हाँ क्यूँ नहीं… चलो…
यामिनी और माही, लिविंग रूम में जा के एक 3 सीटर सोफे पे जा के आस पास बैठ गई और पापा बार के सामने खड़े हो कर ड्रिंक्स बनाने लगे।
ससुरजी – माही, तुम क्या लोगी…
माही – पापा, मैं वाइट वाइन…
ससुरजी – और यामिनी, तुम…
यामिनी – मुझे तो कुछ भी चलेगा… आप जो अपने लिए बना रहे हो, वही मुझे भी डाल डो… (पापा को देख कर, हंसते हुए)
ससुरजी – मैं विस्की ले रहा हूँ… विस्की चलेगी…
यामिनी – हाँ हाँ… क्यूँ नहीं…
पापा ने यामिनी और माही को उनका ड्रिंक दिया और अपना ड्रिंक ले के, उनके सामने वाले सोफे पे बैठ गई।
तीनों, अपना अपना ड्रिंक सीप कर रहे थे।
अपना ड्रिंक सीप करते हुए पापा, फिर माही के अधनंगे जिस्म को निहारने लगे।
यामिनी ने पापा को माही की तरफ घूरते हुए देखा तो उसने चुपके से माही का आँचल पकड़ कर, उसकी साड़ी का पल्ला धीरे धीरे खींच कर ढलका दिया।
जब माही का पल्ला ढलका तो उसने यामिनी की ये हरकत नोटीस की और माही ने यामिनी की तरफ देखा तो यामिनी ने माही को चुपके से आँख मार कर, इशारा किया और पापा की तरफ देखा।
माही ने भी यामिनी की नज़रों का पीछा करते हुए, पापा की तरफ देखा तो सारी बात समझ गई।
पापा को उसने, अपनी तरफ घूरता पाया और उनके गाउन में लण्ड का काफ़ी उँचा टेंट भी बन रहा था।
माही ने वापस, यामिनी की तरफ देखा।
दोनों की नज़रें मिली और दोनों के होठों पर स्माइल थी।
माही, समझ गई थी की पापा की सिड्यूस करना है।
अब माही के सिने से, साड़ी का आँचल ढलाक चुका था।
वो, थोड़ा सीधा हो कर बैठ गईं।
पापा अपना ड्रिंक सीप करते हुए, माही को देख रहे थे।
माही को देखते हुए और ड्रिंक सीप करते हुए अंजाने में, पापा का दूसरा हाथ उनके लण्ड की तरफ चला गया और वो अपना खड़ा लण्ड गाउन के ऊपर से सहलाने लगे।
इस हालात पे, यामिनी चुटकी लेते हुए बोली।
यामिनी – क्या पापा, जब से माही आई है… आप तो मेरी तरफ देख भी नहीं रहे…
ससुरजी (सकपका कर लण्ड से, हाथ हटाते हुए) – अरे नहीं, यामिनी ऐसी कोई बात नहीं है…
यामिनी – अच्छा, आप को मेरे और माही में से कौन ज़यादा पसंद है…
ससुरजी – तुम दोनों ही, मुझे अज़ीज़ हो…
पहली ड्रिंक ख़तम हो गई थी, पापा सोफे से उठ कर खड़े हुए।
ससुरजी – लाओ, अपना अपना ग्लास दो… मैं अगला ड्रिंक बनाता हूँ…
ये कहते हुए, पापा पहले यामिनी की तरफ बड़े और उसका ग्लास ले कर माही की तरफ मुड़े।
माही के सामने झुक कर, पापा ने उसके बिकनी ब्लाउज की डीप क्लीवेज में अंदर तक झाँकते हुए, उसे से ग्लास लिया।
माही ने अभी भी, अपना ढलका हुआ आँचल नहीं उठाया था और उसका उठाने का कोई इरादा भी नहीं था.!
पापा ने दोनों को एक एक ड्रिंक और बनाया और पहले, यामिनी का ड्रिंक उसकी तरफ बड़ाया।
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