मै पूरी मस्ती में थी …. की अचानक सामने से आवाज आयी
“ये क्या कर रही हो श्रेया ?”
मैंने देखा तो सामने कोमल दीदी ख़ड़ी थी
मैने हडबडाकर देखा दिदी मेरे पास ही खड़ी थी ….
मै बहोत घबराई थी …..
मेरी समझ में नहीं आ रहा था ….ये कैसे हुआ ….
मै बस उसे देखती ही रही
मेरे हाथ अभी भी वही थे (एक मेरी मुनियापर और दूसरा मेरी छाती पर )
दिदी एकदम मेरे पास आयी ….. और उसने मेरे कंधे पे हाथ रख कर मुझे झंझोर दिया …..
“ये तुम क्या कर रही हो श्रेया…? “
फिर मैं एकदम से वास्तव में आ गयी
जल्दीसे मैंने अपने हाथ हटाये …. और अपनी हथेलियोमे अपना चेहरा छुपा कर सुबकने लगी
दिदी धीरेसे मेरे बाजू में बैठ गयी … उसने मेरी पीठ पर हाथ रखकर सहलाया ….
“अरे ….पगली …. ये तुम क्या कर रही थी …… और क्यों कर रही थी “
मै बहोत लज्जित हुयी …..मै कुछ नहीं बोली और सुबकने लगी ….
कोमल दिदीनेमेरी पीठ को और थोडा सहलाया और पुचकारते हुए बोली ….
“ देखो …. मेरी प्यारी गुडिया …. ऐसे रोते नहीं ……. चल मुझे बता तो …ये तू क्या कर रही थी “
“………..”
“श्रेया …… रोना बंद करो …बेटा … और मुझे बता …. ये तुम्हे किसने सिखाया ?”
मैं और जोरसे रोने लगी …
तब कोमल दिदी ने मुझे अपने सिनेसे चिपटा लिया …. और धीरे धीरे मेरी पीठ सहलाने लगी
वो कभी सहलाती तो कभी मेरी पीठ पर हलकी हलकी थपकिया देती …….
मै उसके सिने मे अपना मुह घुसा कर रो रही थी ……
थोड़ी देर हम वैसे ही बैठे रहे …मै थोड़ी शांत हुई ….. दिदी ने मेरे बालो में अपनी उंगलिया घुमाई …. और मुझे थपकिया देती बोली
“मेरी प्यारी गुडिया ….. अब मुझे अच्छे से बता …. तुझे ये सब किसने सिखाया?”
मै डरते डरते बोली “किसी ने नहीं दिदी ……“
कोमल दिदी आगे पूछा
“तुम ये सब कब से कर रही हो?”
मै शरमाकर बोली “अभी किया दिदी ……”
उसने सवाल बदल कर फिर पूछा “ इस के पहले कितनी बार तुम ऐसा कर चुकी हो ?”
मै “ सच्ची दिदी …… आज पहली बार ही ये किया ….”
और मैंने शरमाकर उसकी छाती में मुह छुपा लिया
दिदी ने मेरी ठोड़ी को पकड़कर मेरा मुह ऊपर किया और पूछा ….
“तो ये सब कहासे सिखा तुने…… किसी को ऐसा करते देखा क्या?”
मै सकुचाते हुए बोली “हां दिदी ….”
दिदी: “किसे देखा …?”
“आपको ……” और मैंने गर्दन नीची कर ली
दीदी हक्किबक्की सी मुझे देखने लगी …….. उत्तेजना से वो जोरसे बोली
“किसे …… मुझे….”
मै दर के मरे सिहर उठी … मैंने सोचा की अब वो मुझे खूब डाटेंगी …. शायद मारे भी ……
मैं चुपचाप सुबकने लगी ……..
फिर वो थोड़ी शांत हुई ……. थोड़ी देर चुप रह कर वो फिरसे मेरी पीठ सहलाती हुई बोली
“श्रेया ….बेटा …. इधर देखो….”
उसने मेरा चेहरा उसकी ओर मोड़ा और धीमी आवाज में फिर से पूछा
“ कब देखा तुमने …..और क्या क्या देखा “
मैं डरते हुए धीरेसे बोली
“आज दोपहर में ….. जब तुम वो विडिओ देख रही थी “
ये सुनते ही दीदी की आँखे फ़ैल गयी …….
थोड़ी देर बाद वो फिरसे कुछ सोचते हुए बोली ….
“लेकिन तुम तो … स्कूल से ……आयी …… न …ही….. “
फिर मैंने अटक..अटक कर उसे पूरी बात बताई … की मैंने उसे कैसे देखा …..
दीदी चुपचाप सुनती रही …. फिर उसने मुझे पूछा की मुझे कैसे पता चला की मैं लैपटॉप पे विडिओ ही देख रहि हूँ…….. मैं थोड़ी देर चुप रही ….और फिर उसे बाद की बात सुनाई की कैसे मैंने वो वीडियो देखा ….
कोमल दीदी चुपचाप मेरी ओर आश्चर्य से देख रही थी …….. मुझे बहोत अनकम्फर्टेबल फील हो रहा था
फिर दीदी ने मुझे धीरेसे गले लगाया …..और बोली
“तू तो बड़ी सयानी हो गयी रे…… श्रेया …..”
और धीरे धीरे मेरी पीठ सहलाने लगी ……. अब मैं भी थोड़ी नॉर्मल हो गयी थी ….. मुझे तब पहली बार अहसास हुआ की में टॉप अभी भी पूरा उपर था ….. पजामी निचे …. मै लगभग नंगी … कोमल दीदी से चिपटी बैठी थी .
अपनी नग्नता का अहसास हो ने के बाद मैंने अपना टॉप निचे करने की कोशिश की ….
तो कोमल दीदी ने मेरा हाथ बिच मे ही पकड़ा
दीदी : “अब रहने दे ना …. जरा मैं भी तो देखू …. मेरी बहन कितनी और कहा कहा से जवान हुई है “
मैं शर्मा गयी … और अपनी हथेलियोमे अपना चेहरा छुपाया ……..
कोमल दीदी ने मेरे हाथोको दूर किया … मेरी ठोड़ी पकड़कर….मेरा चेहरा उपर उठाया
और मेरी आँखों में देखने लगी …. मैंने शरमा कर आँखे झुका ली ….
दीदी मेरे करीब आयी उसने दोनों हथेलियोंसे मेरे चहरे को पकड़ा और नजदीक खीचा
अब दीदी की गर्म साँसे मुझे अपने चहरे पर महसूस हो रही थी ……. मेरी भी साँसे तेज़ हो गयी …
और दीदी ने अपने नर्म मुलायम होठ मेरे होठो पर रख दिए …… मेरे अंग अंग में बिजली सी दौड़ पड़ी ……
हाय क्या मस्स्स्सस्त अहसास था …….. कोमल दीदी की वो मदमाती गंध … आज भी मेरी साँसों में है …….
दीदी धीरे धीरे मेरी होठ चूस रही थी ….. उसके हाथ मेरी छातियोके उभारो पर रेंगने लगे …
मै सिहर उठी ……..
दीदी ने अपनी जीभ मेरी होठो पर फिराई …. मेरे होठ थोड़े खुल गए ……..
तो उसने उसकी जीभ को मेरे होठो से अन्दर घुसा दिया …… मेरा मुह और थोडा खुला अब उसकी जीभ मेरे जीभ से खेलने लगी ……. थोड़ी देर बाद उसने अपनी जीभ को वापस खीच लिया ……
अब मेरी जीभ भी उसका पीछा करते करते दीदीके मुह में जा पहुंची …….तो दीदी ने उसको चुसना शुरू किया …..
मैं तो जैसे हवा में उड़ने लगी थी … इधर दीदी के हाथ मेरे संतरोको दबाने लगे थे ……
हाय……..स्स्स्सस्स्स्स क्या मजा आ रहा था ……..
थोड़ी देर बाद दीदी ने मुझे उस समाधि से बहार निकाला ……उसके होठ मुझसे दूर हुए …… मैंने शिकायत भरी नजरोसे उसे देखा ……. वो मेरी ओर देख कर मुस्कुरा रही थी ……
दीदी : “हाय….. मेरी प्यारी श्रेया तो पूरी जवान हो गयी रे …”
मैं शरमा गयी …
दिदने मेरा टॉप सरसे निकाल दिया …… मेरी बगलो मे हाथ डाल कर खड़ा किया …. और पैरोसे पजामी भी निकाल दी ….. अब मै पूरी तरह से नंगी खड़ी थी ……
दीदी : “चल मेरी प्यारी बहना ……. मेरी रूम में चलते है …. वहा मै तुम्हे पूरी तरह जवान बनाउंगी “
उसने मेरे पिछेसे हाथ डाल कर मेरी छतिया दबाई और मुझे चलाते हुए उसके रूम में ले गयी .
रूम में जाते ही कोमल दीदी ने अपने सारे कपडे उतारे और नंगी हो गई ….. मैं उसकी सुन्दरता देख कर मोहित हो गयी .
दीदी ने फिर मुझे चूमा और बोली
“आज मैं अपनी प्यारी गुडिया को जवानी का पूरा मजा दूंगी …”
उसने मुझे कस के गले लगाया और पागलो की तरह चूमने लगी …..
मैं तो उत्तेजना से पागल हो गयी …. मैं भी उसे चूमने में साथ देने लगी …….
दीदी ने मुझे पलंग पर लिटा दिया …….और मुझ पे चढ़ गयी …..
वो मेरी छातियो को आटे की तरह गुंध रही थी ….. मेरे से सहा न गया …. मेरे मुह से अजीब आवाजे निकलने लगी ….
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