विशाल शीला कीसाड़ी निकालने लगा तो शीला उसे थोड़ा दूर करके अपने साड़ी पकड़ती हुई बोली, “अरे इतनी जल्दी क्या है जो विराने में तू सीधे पेटिकोट पे आ गया? पहले अच्छे से गरम तो कर। उफ्फ देख तूने मेरा हुक तोड़ दिया… अब मैं क्या करूँ? विशाल बस में तुझसे अगर ऐतराज़ करना होता तो तुझे इतना खेलने देती क्या मैं? मेरा पति रात को आके देखता है कि बेटियाँसोयी नहीं तो बिना कुछ किये जाके सीधे खर्राटे लगाने लगता है।” विशाल अपनी जीभ शीला के क्लीवेज पे घुमाके पेटिकोट के नीचे हाथ डाल के एक हाथ से उसकी नंगी टाँगें सहलाते हुए और दूसरे हाथ से मम्मे ज़रा ज़ोर से मसलते हुए बोला, “जल्दी तो नहीं रानी, बस तेरा गरम और गोरा जिस्म नंगा देखने की ख्वाहिश है और कुछ नहीं। अरे हुक टूटा तो क्या हुआ? जब यहाँ से जायेगी तो क्या पल्लू नहीं लेगी सीने पे जान तू? उम्म बड़ा गरम माल है तू। मुझे ये समझ में नहीं आता कि ऊपर वाला तेरी जैसी गरम माल को इतना ठंडा पति क्यों देता है। या शादी को इतने साल हो गये… इसलिये पति को दिलचस्पी नहीं रहती अपनी सैक्सी बीवी में।”
शीला अपना सीना और तान के विशाल का सिर पकड़ के अपने मम्मों पे दबाते हुए बोली, “अरे अब तेरे पास हूँ तो नंगी करेगा ही ना, इतनी जल्दबाज़ी मत कर, या तूने किसी और को वक्त दे रखा है? अरे पल्लू तो डालूँगी पर उसके नीचे से खुला हुक लोगों को मुफ़्त का तमाशा दिखायेगा… उसका क्या? रहा मेरी किस्मत का सवाल तो तू तो ऐसे बोल रहा है कि हर खूबसूरत औरत का पति ऐसा होता है। असल में मेरा पति काम की वजह से थकता है नहीं तो दो बच्चे कैसे पैदा करती मैं उसके साथ? आहह सुन इतना बेरहम मत बन, आराम से हौले-हौले मसल मेरा सीना।”
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लव यू दोस्तों..
Hindi Sex Story के अन्य भाग-
पार्ट 1
पार्ट 2
पार्ट 3
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